रविवार, जुलाई 11, 2010

..उड़ता हुआ एक ख्वाब

कितनी common बात है, आज फिर रात है..
आज फिर सोया है सूरज, फिर तारों की बरात है..
फिर हंसा है काल, फिर रोया आकाश है
आज फिर रात है.. कितनी common बात है...

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