शनिवार, जुलाई 17, 2010

                          जिंगी
जिंदगी गुमनाम थी, खोये थे किस ख्वाब में
आयी एक रोशनी, बन के एक जान-सी
रोयी थी मैं देख उसको, उसकी भी थी आंखे नम 
दे गया वो मुझको एक,जीने का एक रास्ता 
दे गया ख़ुशी मुझे,साथ ले गे था गम मेरे
जिंदगी गुमनाम थी, खोये थे किस ख्वाब में......................





 PrAtIbHa SiNgH.............

1 टिप्पणी:

thank you